Date
02-Oct-2017 to 02-Oct-2017
Location
Jhansi, Uttar Pradesh
Format
Local

2 अक्टूबर देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जयंती एवं विश्व हेबिटेट दिवस के अवसर पर प्रिया के तत्वाधान में शहर स्तरीय बस्ती विकास समिति सम्मेलन का आयोजन किया गया | कार्यक्रम निवर्तमान महापौर श्रीमती किरण राजू बुकसेलर के मुख्य आतिथ्य में किया गया | शहर स्तरीय बस्ती विकास सम्मलेन कार्यक्रम में 31 बस्तियों से 195 बस्ती विकास समिति (एस.आई.सी.) सदस्यों ने भाग लिया | 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश 43 क्षेत्रों की एस.आई.सी. का प्रतिनिधि मंडल जो मलिन बस्तियों में निवास कर रहे गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं उनका संगठन बनाना था | इसके साथ ही अलग-अलग स्थानों से आये हित्भागियों के साथ SIC का एक जुड़ाव बने और एक पहचान स्थापित हो ताकि शहर स्तर पर बन रही विभिन्न योजनाओं में स्लम बस्तियों के समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित की जा सके |





सम्मलेन का शुभारम्भ गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से किया गया | कार्यक्रम में पार्षद वार्ड नं. 12, आनंद साहू, पार्षद लक्ष्मी गेट वार्ड नं. 20 मनीष खटीक, जे.सी.आई. क्लब की अध्यक्षा अपर्णा दुबे, तालपुरा वार्ड नं. 12 के प्राथमिक स्कूल के प्रिंसिपल श्री इन्द्रजीत जी, साहू समाज के अध्यक्ष श्री अनिल साहू एवं बाल्मीकि समाज के सदस्य एवं नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन में कार्यरत हैं विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे | 

इस सम्मलेन में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बस्ती विकास समिति का परिचय एवं संगठन के महत्व एवं नेटवर्किंग के सम्बंधित सामग्री भी वितरित की गयी | कार्यक्रम शुरुवाती दौर में हितभागियों ने अपने विचार व्यक्त किये उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि बस्ती विकास समिति बहुत ही सराहनीय काम कर रही हैं और इनकी समस्याओं के निदान के लिए हमसे तन, मन और धन जैसे भी होगा हम मदद करने को तैयार हैं I जे.सी.आई. क्लव की अपर्णा दुबे ने कहा कि “प्रिया संस्था का यह सपना के एक दिन बस्ती के लोग मंच पर वक्ता के रूप में और हम श्रोता के रूप में होगे यह बहुत ही अच्छी सोच है और वह उसी की तरफ आगे बढ़ रहे हैं और मुख्य रूप से महिलाओं को आगे लाकर उनको सशक्त करने का काम कर रहे है यह एक बड़ी बात हैं |” महापौर ने एस. आई. सी. सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वाकई मे यह बहुत सराहनीय प्रयास है I महापौर ने कहा की ‘भगवान् हमें हाथों में लकीरें देता है पर उनमें रंग हमे ही भरने होते हैं’ इस कहावत को बस्ती विकास समिति के लोग पूरा कर रहे हैं | लोग एक संगठन के रूप में आगे बढकर आ रहे है और अपनी बात को रख रहे है और अपनी समस्याओं के लिए पहल भी कर रहे हैं यह बहुत ही अच्छा प्रयास है | उन्होंने यह भी कहा कहीं न कही हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पता है तो उसका एक मुख्य कारण जानकारी का अभाव एवं अशिक्षा भी हैं जिसके कारण लोग सम्बंधित विभाग एवं प्रशासन से संपर्क नहीं कर पाते हैं I बस्ती विकास समिति के माध्यम लोग अपनी जानकारियों को बढ़ायेगे इसका लोगों को लाभ भी प्राप्त होगा | अंत में उन्होंने कहा के प्रिया संस्था जन जन को समाज और समाज को राज्य से जोड़ने का जो कार्य कर रहे है यह बहुत ही कारगर सिद्ध होता दिखाई दे रहा है| 


इसी क्रम में सभी के समक्ष एस.आई.सी. संगठन की संचालन समिति की घोषणा की गयी तथा सभी से इसका परिचय करवाया गया I भविष्य में यह समिति स्लम बस्तियों से सम्बंधित मुद्दों को समझेगी और उपयुक्त रणनिति के तहत सम्बंधित विभागों से अथवा संस्थाओं से संपर्क स्थापित कर उचित हल निकलने में अपना सहयोग प्रदान करेगी | डा. अंशुमन करोल ने इस संचालन समिति के विषय में बताते हुए कहा की यह कमेटी एक गैर राजनीतिक संगठन के रूप में बस्ती के लोगों के विकास के लिए कार्य करेगी |

कार्यक्रम में अलग – अलग क्षेत्रों से आये एस. आई. सी. सदस्यों ने भी अपने–अपने बस्तियों के अनुभव साँझा किये पाल कॉलोनी की दुर्गा ने बताया के, “हम कभी मीटिंग में नहीं बैठते थे मगर संस्था से आये लोगों ने बार बार हमारी बस्ती में आकर लोगों से बात की तब धीरे- धीरे हमे समझ आया के यह कही न कही हमारे हित की ही बात कर रहे है तब और लोग भी जुड़ते चले गए |” इसी क्रम में लक्ष्मी गेट की अनीता ने मंच पर आकर अपनी बात रखी और उन्होंने महापौर से जवाब माँगा कि, ”कुछ माह पूर्व सभी एस.आई.सी. सदस्यों ने मिलकर हमारे बस्ती के सामुदायिक शौचालय का जो पिछले दो सालों से बंद पड़ा था उसे चालु करवाया था परन्तु वहां पानी की कमी को लेकर हमने मेयर साहिबा से कहा था जिसके लिए उन्होंने आश्वासन दिया था की पानी की कमी को पूरा करेगें परन्तु स्थिति अभी भी जस की तस है |” इसके अलावा बस्ती के अन्य सदस्यों ने भी अपनी बात रखी |

इस पूरे कार्यक्रम से यह निकलकर सामने आया की बस्ती विकास समितियां धीरे-धीरे सशक्त हो रही है आज के इस सम्मलेन के माध्यम से एस.आई.सी. संगठन तथा अन्य हितभागियों एवं प्रशासन के बीच की खाई कम होगी और अच्छे सम्बन्ध स्थापित होंगे I अपनी एक अलग पहचान बनाने का शंख नाद अब हो चुका है अब इसमें कड़ी से कड़ी जुड़ती ही जायेगी जो स्लम बस्तियों में गरीबों के लिए विकास की नई सुबह लाएगी I