Date
21-Jul-2018 to 23-Jul-2018
Location
मधुबन सामुदायिक भवन अजमेर
Format
Local

सक्रिय नागरिक क्रियाशील शहर कार्यक्रम के अंतर्गत SIC सदस्यों का 3 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किया गया I

 दिनाक 21 जुलाई को 3 दिवसीय अजमेर भ्रमण के लिए आये हुए झाँसी और मुजफ्फरपुर के शहर स्तरीयविकास समिति के सदस्यों का अजमेर में प्रिया संस्था और अजमेर की शहर स्तरीय बस्ती  विकास समिति द्वारा हर्षोउल्लास के साथ मालाये पहना कर व तिलक लगाकर आदर सत्कार के साथ स्वागत किया गया |

सूत्रधार:- क्रष्ण कुमार जोशी, सुरेंदर धवन, संपतजी, आशाजटिया, वंदना जी, अख्तरहुसेन, और प्रिया संस्था के अन्य सभी साथी |

संचालन समिति के प्रतिभागी महिला 6 पुरुष 8

अन्य जिलो के प्रतिभागी :- महिला 8 पुरुष 7

शेक्षणिक भ्रमण का उदेश्य:

संचालन समिति के शैक्षणिक भ्रमण का मुख्य उदेश्य यह रहा की सदस्य दूसरी जगह जाकर वहा के लोगो से मिल कर उनके द्वारा किये गये कार्यो को समझे व् उनके प्रयासों व् कठिनाईयो को समझे | साथ ही अपने अनुभवों को साझा का एक बेहतर तरीके को समझ सके|

चर्चा के मुख्य बिंदु  :-

सर्वप्रथम सभी सदस्यों का परिचय हुआ एवं इस भ्रमण के उद्देश के बारे में बात की गई I कृष्ण कुमार जोशी ( अध्यक्ष-शहर स्तरीय बस्ती विकास समिति) जी ने चर्चा की शरुवात  करते हुए SIC फोरम के गठन एवं अभी तक के सफ़र की बात की  व् बताया की बस्ती विकास समिति के द्वारा हमे एक शक्ति मिलती है जिससे हम अपने कार्य को संघठित होकर कर पाते है व् हर कठिनाई का सामना मिल कर करते हाय व् अभी तक फूस की कोठी मैं इस संघठन के चलते हमने पानी के घरलू कनेक्शन, बिजली, सड़क-नालिया व् कचरा उठाने जैसी व्यवस्थाये प्राप्त की है व् अभी हमारे सभी के मिले जुले सहयोग व् जागरूकता वश हमने अभी महिलाओ व् किशोरी बालिकाओ के कोशल विकास हेतु सिलाई सेंटर की भी शरूवात की है | व् आगे जाकर हम पट्टे हेतु कार्यवाही कर रहे है | इसी क्रम मैं नूरजहाँ जी ने अजमेर मैं ठोस कचरा प्रबंधन के सम्बन्ध मैं प्रश्न रखा की क्या अजमेर शहर में सुखा एवं गिला कचरा अलग-अलग होता है या नहीं ?इसी प्रशन के उत्तर मैं वंदना खोरवाल(गौतम नगर बस्ती विकास समिति ) ने बताया की नहीं अजमेर में अभी कचरा अलग नहीं हो रहा है क्युकी इस पर अभी तक निगम की तरफ से कोई आदेश जरी नहीं हुआ है केवल मात्र गाड़ी को 2 अलग हिस्सों मैं पेन्ट किया गया है , इस्सी पर चर्चा की गयी की समुदाय स्वत: ही इस को शरू क्यों नहीं करता तो अख्तर हुसैन (सदस्य बस्ती विकास समिति ) ने बताया की कई जगह पर यह किया जा रहा था परन्तु परन्तु नगर निगम द्वारा कचरा एक की गाड़ी में ले जाया जाता है जहा पर जाकर वह एक ही हो रहा है | परन्तु अभी अजमेर मैं सभी जगह से डोर टू डोर कचरा को लिया जा रहा है व् जहा गाड़ी नहीं पहुच पाती है वहा पे सफाई कर्मचारी आ कर कचरा ले जा रहे है |

नूरजहाँ जी ने उत्सुकता के साथ कच्ची बस्तियों मैं घरेलू व् सामुदायिक शोचालय की स्थिति को जानना चाह जिसपर संपत (विवेकानंद बस्ती विकास समिति) जी ने बताया की अजमेर मैं अभी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अजमेर मैं लघभग सभी के यहाँ घरेलू शोचालयों का निर्माण हो गया है व् जहा जगह की अनुपलब्धता है वहा पे सामुदायिक शोचालयों क भी निर्माण किया गया है |

महताब आलम अजमेर में जो 60 वार्ड है तो उसमे प्रिया कितने वार्ड में काम कर रही है ? या कर चुकी है ?

कीर्ति टांक :- हमारे यहाँ कुल 48 वार्ड की 100 बस्तियों मैं कुल 1900 बस्ती विकास समिति के सदस्य के साथ मिलकर विकास कार्य किया जा रहा है |

सीमा (मुजफ्फरपुर) ने अपने अनुभव साँझा करते हुए कहा की जबसे हम लोग प्रिया के साथ मिलकर कार्य कर रहे है महिलाओं की मानसिकता में परिवर्तन आया है पहले वे शोच के लिए खुले में जाते थे लेकिन जब हमने उन्हें समझाया एवं बस्ती विकास समिति बनाकर कार्य कर रहे है तब से बस्तीवासियो में हिम्मत आई है साथ मिलकर कार्य करने करने लगे है, एवं अपनी आवाज़ उठाने लगे है | पहले बस्तियों में पानी की बहुत कमी थी एवं जो नल में पानी आता था वह भी बहुत गन्दा आता था, जब हम पार्षद के पास मिलकर जाते थे तो पार्षद द्वारा बात सुनी नहीं जाती थी फिर हम सभी ने मिलकर निश्चय किया की हम सभी एक जुट होकर बस्ती विकास समिति के सदस्यों द्वारा बार-बार पर्यास करने के बाद हमारे द्वारा वार्ड पार्षद को ही बदल दिया गया | इस प्रकार ये हमारे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी|

इसी क्रम को आगे बडाते हुए सुरेन्द्र धवन (कल्यानिपुरा बस्ती विकास समिति सदस्य ) जी ने संघठन के इतिहास बताते हुए उनके संघर्षमय होने के कारण पर प्रकाश डालते हुआ कहा की पुराने समय में बस्तियों में पांच-पटेलोका प्रभुत्व रहता था | उसके पश्चात उनमे कुछ और लोगो के जुडाव से विकास समितिया बनाकर काम किया जाने लगा, परन्तु इसमें भी कुछ प्रबुतव लोग ही होते थे जिससे सम्पूर्ण समुदाय का विकास नहीं हो पाता था, व् इसका शायद एक कारण यह भी था की सभी शहरो में बस्तियों में आपस में वार्तालाप एवं सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं होने के कारण लोगो में जागरूकता नहीं आ पाई इस कारण विकास की दौड़ मैं वह कही पीछे छुट गये परन्तु अभी जो ये हमारा बस्ती विकास संघठन बना है यदि हम चाहेंगे तो हम इसे एक वृक्ष की तरह बड़ा सकते व् साथ ही हमारे विकास मैं हम योगदान दे सकते है इसके लिये | विकास समितियों को एक-दुसरे संवाद बढ़ाना  होगा व् जानकारी व् समस्याओं को साझा करना जिसमें आज हमारे पास पुख्ता आंकडे भी है जिससे हम अपनी बात को और पुखता तरीके से रख सकते है |

विश्वासत्रिवेदी:- प्रिया संस्था द्वारा सर्वे करके आंकड़े इकठ्ठा किये जाता है उस पर कुछ काम होता है या नहीं ? एवं अभी तक इन सर्वे के आंकड़ो का कहाँ कहाँ उपयोग किया गया है एवं कहाँ कहाँ पर क्या क्या काम हुआ है ?

सुरेन्द्रधवन :- सर्वे के आंकड़ो को बस्ती विकास समिति के लोगो द्वारा पार्षद व् समस्या से सम्बंधित विभाग को एप्लीकेशन के साथ दिया जाता है जैसे हमने कल्यानिपुरा मैं शोचालय पर आवेदन लिख कर दिया था जिसपे सुनवाई हो चुकी है व् अभी वहा सामुदायिक शोचालय बन गया है, व् इसी मैं जोडते हुए कृष्णा(शिवाजी नगर) मैं जो पानी खुले मैं बह रहा था वहा आज नालियों बन गयी है व् रोड भी बने है उन्होने कहा की बस्ती विकास समिति के पास इतनी ताकत है की वह बार-बार जाकर पार्षद महोदय, नगर निगम या अन्य विभागों के अधिकारियों तक अपनी समस्याओं के वारे में बता सकते है एवं कार्य की स्थिति की जानकारी ले सकते है। 

विश्वासत्रिवेदी :- क्या प्रिया द्वारा किये गये सर्वे के आंकरो को सरकारी विभागो स्वीकार किया जाता हे?

गोपाल जी (भील बस्ती, विकास समिति) जब हमने पहली बार यह आकडे ले कर मेयर के पास गए तो उन्होने लेने से मन कर दिया उनका उसमें यह सुझाव था की आप सारी सम्स्यऔ का हल नगर निगम नहीं कर सकता इसलिय आप सम्बंदित विभाग को जाकर सूचित करे केवेल नगर निगम से सम्बंधित समस्या ही हम देखेंगे | इसी बात मैं सुरेन्द्र धवन जी ने जोडते हुए कहा की पार्षद यह डाटा ले लेते है व् जहा हमारी सुनवाई नहीं होतो है तो हम कलेक्टर तक अपनी आवाज उठाते है | संदीप राज (प्रिया एनिमेटर) ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा की अनियमित कच्ची बस्तियों के सर्वेक्षण का डाटा जमा सर्व प्रथम बस्ती विकास समितियों के साथ साझा किया गया एव पार्षद को समितियों के लोगो ने जो कमिया निकल कर आयी उस पर एप्लीकेशन लिख कर पार्षद को अवगत कराया गया| तत्पश्चात बस्तियों में पार्षद द्वार कई जगह पर आधार कार्ड, पहचान पत्र, राशन कार्ड, मजदूर डायरी, आदि के केम्प लगवाए गये| जिन घरो में शोचाल्य नहीं हे या जिन लोगो की शोचाल्य निर्माण की पहली क़िस्त आ चुकी हे उस पर कार्य किया जा रहा हे |

  उसके अलावा हमने जो सेम्पल सर्वे किया था उसका सभी बस्तियों का कमपाईल डाटा भी प्रिया द्वारा नगर निगम में दिया गया पार्षद के साथ मिलकर साझा किया गया ताकि वो उस डाटा के अनुसार अपने अपने वार्ड की कमियो को पूरा कर सके  इसी चर्चा को आगे बड़ाते हुए कीर्ति टांक ने कहा की प्रिया सहभागिता के आयोमो को लेकर कार्य कर रही है व् साथ ही लोगो के सम्पूर्ण विकास पे जिसमें वह इस बात का ध्यान रखती है की समुदाय मैं यह जागरूकता होना आवश्यक है की हमारी समस्या का समाधान किस विभाग से जुड़ा है व् इस प्रक्रिया मैं वह कैसे जनप्रतिनिधि को साथ लेकर कार्य किया जा सकता है |

वंदना जी ने संघठन से हुए कार्य को बताते हुए कहा की गौतम नगर बस्ती मैं आँगनवाड़ी में शोचालय की स्तिथि बहुत खराब थी तो हम लोगो ने संघठित होकर पार्षद को समस्या से अवगत कराया परन्तु कोई कर्यवाही नहीं की गई एव उसके बाद हम उच्च अधिकारी के पास गए एव अब हमारे यहाँ बहुत अच्छा शोचाल्य बन चूका हे |

विश्वासत्रिवेदी :- क्या सुखा एव गीला कचरा नगर निगम में भी अलग-अलग ले जाया जा रहा हे ?

रमेश यादावार :-  अभी नगर निगम यह चाह रही हे लोगो द्वारा बस्तियों का जो कचरा जमा हो रहा हे उसे वो लोग कचरे वाली गाडीयो  में ही डाले एव डी कम्पोस्ट के लिए नगर निगम स्थान देख रही हे, परन्तु अभी उन्हें सही स्थान मिला नहीं हे | हमारे यहाँ अभी एक ही गाडी में गीला एव सुखा कचरा लिया जा रहा है |

संजय कुमार(मुजफरपुर एनिमेटर) :- झांसी में जिन बस्तियों में हम काम कर रहे है वहा नगर निगम के पास पहले से ही डाटा है परन्तु प्रिया संस्था द्वारा बस्तियों में किया गया सेंसस सर्वे का डाटा नगर निगम तक पहुचाया गया तो नगर निगम द्वारा उस डाटा को एवं प्रिया के कार्य को नगर निगम द्वारा सराहा गया | प्रिया के सामने ये बोहोत बड़ी चुनोती थी की लोगो को विकास समिति में जोड़कर रखने की, क्योकि यह मानव प्रवर्ती है जब तक व्यक्ति को व्यक्तिगत लाभ नहीं होगा तब तक वह अपना समय खराब नहीं करेगा एवं ना ही मीटिंग में भाग लेगा | तो उनको हमारे द्वारा अन्य बस्तियों से अवगत कराया गया तब जाके लोगो को अपना फायदा दिखा एवं वह सभी लोग प्रिया से जुड़े | झांसी में एक बस्ती में 7 महीनो से हेडपम्प खराब था क्योकि बस्ती वालो के पास जब हम मीटिंग करने के लिये गए एवं विकास समिति से जुड़ने के लिये कहा तो उन्होंने कहा की आप पहले हेडपंप ठीक करवा दो फिर हम सभी लोग आपसे जुड़ जायेंगे | उसके पश्चात प्रिया के एनिमेटर द्वारा हेडपम्प ठीक करवाने के लिये प्राथर्ना पत्र लिखे गए एवं 3 दिनों में हेडपम्प ठीक हो गया तब जाके लोगो में उत्सुकता आई एवं वे सभी लोग हमसे जुडे |

बस्ती विकास समितियों की मुख्य समस्या :

अजमेर शहर की बस्ती विकास समिति की मुख्य समस्या पर प्रकाश डालते हुए कृष्ण कुमार जोशी जी ने कहा की  “अजमेर में ज्यादातर बस्तिया कब्जे वाली है इनका 20 सालो से कोई निवाराण नहीं हुआ है, उनका निवारण कैसे होगा ? यह एक बड़ी समस्या है | वन विभाग पर बनी बस्तियों में शोचालयो की बोहोत कमी है परन्तु वन विभाग वाले शोचालय बनाने नहीं दे  रहे है | हमारे द्वारा जो शहर स्तरीय संघठन बनाया गया है उनकी एकता में ही उनकी ताकत है | क्योकि अगर राजनेता को वार्ड में चुनाव् जितना है और उन्हें वोट्स चाहिए तो उन्हें संगठन  की समस्याओं पर कार्य करना ही पड़ेगा | इसी बात मैं जोडते हुए रमेश यदावर जी ने बताया की अभी जो बस्तियों के स्तर पर संगठन बना है उसकी अहमियत तब होगी जब उसकी शहर के स्तर पर पहचान बनेगी एवं संगठन के चर्चित होने के लिये मीडिया बहुत जरुरी है उसी प्रकार संगठन में नियमीत बैठके हो एवं कार्यशैली निरंतर बनी रहे तभी जाके शहरी स्तर पर संगठन शक्तिशाली बनेगा |

अजयपटेल :- जब प्रिया संस्था द्वारा बस्तियों में जाना छोड़ दिया जाएगा उसके बाद भी विकास समिति कैसे बनी रहेगी ? एवं कैसे कार्य करेगी ?

कीर्ति टांक ने इसका उत्तर देते हुए कहा की जब प्रिया ने बस्तियों में काम प्रारंभ किया था तब बस्तियों में जागरूकता नहीं थी एवं लोग अपना समय देना नहीं चाहते थे परन्तु प्रिया की टीम द्वारा बस्तियों में काम प्रारंभ किया गया एवं उन्हें समझाकर बस्ती विकास समिति बनायीं गयी तब  लोगो में जागरूकता आई एवं साथ मिलकर अपनी बस्ती की समस्याओं पर काम करने के लिये उत्सुकता आई एवं वे समय-समय पर बैठके करने लगे एवं अपनी बात रखने लगे तभी उनका संघठन मज़बूत हुआ व् अभी लोग उतने सक्षम हो चुके है वे स्वयं ही अपनी बैठके कर रहे है एवं नए-नए मुद्दों पर अपनी बात सरकारी विभागों में रख रहे है एवं प्रिया के एनिमेटर्स द्वारा बस्तियों में जाना छोड़ दिया जायेगा तब भी वे उसी लगन एवं निरंतरता के साथ अपना काम करते रहेंगे एवं अपनी आवाज़ उठाते रहेंगे | इसी को आगे बड़ाते हुए आशा जटिया (जटिया बस्ती पहाड़गंज) जी ने कहा की पहले हम कचरा खुले मैं डालते थे जिससे बिमारिया जयादा थी परन्तु संघठन मैं जुडने से नियमित बेठक करने से हमारी समझ बड़ी और हमने अपनी गलतियों को सुधार व् दुसरो को भी टोकना शरू किया |

महादेवी :- सरकारी योजनाओं की जानकारी, सुविधाओं की जानकारी बस्ती वाली तक कैसे पहुँचती है ?

आशाजटीया :- बस्ती विकास समिति द्वारा जो हर महीने में मीटिंगस रखी जाती है  उसी में इन सभी योजनाओं, सुविधाओं एवं मुद्दों पर बातचीत होती है |
शक्ति नगर विकास समिति के सदस्यों केसाथ बातचीत (R.W.A)

सर्वप्रथम शक्ति नगर विकास समिति के सदस्यों एवं झांसी और मुजफ्फरपुर से आये लोगो के बिच परिचय सत्र हुआ उसके पश्चात समिति के सदस्यों ने मुख्य चर्चा के बिन्दु निम्न रहे :

गणेशी लाल जोशी जी ने अपनी बात को वार्ड के इतिहास से शुरुवात करते हुए कहा की 10 अप्रेल 2010 को यह वार्ड नगर निगम में आया पहले यह 46 वार्ड था अभी 41 वार्ड हुआ है | यहाँ आधिकांश श्रमिक वर्ग के लोग एवं सेवानिर्वत लोग रहते है ऐसे लोगो की प्राथमिक आवश्यकता है सड़के एवं रास्ते | क्योंकि सभी सेवानिर्वत लोगो को सड़क की आवश्यकता पड़ती है एवं आवश्यकता को देखते हुए हम बुजुर्गो ने विकास समिति बनाने का निश्चय किया एवं विचार विमर्श किया की समिति चलेगी कैसे ? हम सभी का विकास हो हम सभी आगे बड़े ये सोचते हुए हमने प्रपत्र बनाया की सदस्य, कार्यशेली एवं पारदर्शिता के बारे में सोचते हुए हर 6 महीने में 1 बार आम आदमी के साथ बैठक रखी जाती है एवं विकास समिति का निर्माण किया गया | वित्त की व्यवस्था के लिये हमने प्रतिवर्ष प्रति परिवार से 200 रूपए सालाना इकटठ| करने का प्रावधान रखा इस प्रकार हमारा प्रपत्र तैयार हुआ |

फिर मीटिंग्स मैं समस्याओं पर चर्चा होने लगी एवं अति आवश्यक जरूरतें क्या है उस बारे में बातचीत की एवं कच्चे रास्तो को पक्का बनवाने के लिये एक साथ मिलकर कार्य प्रारंभ किया |विकास समिति की भूमिका समाज से पड़ोस, गली, मोहल्ले से ही प्रारंभ होती है जब आप स्वयं की आवश्यकताओं के साथ-साथ आस-पास की गली मोहल्ले की मुलभुत आवश्यकताओं पर कार्य करते है तो यही सामाजिक कार्य कहलाता है और यही विकास का आयाम भी है व् इसके साथ ही कोई भी संघटन तभी आगे बड सकता है जब लोग रचनात्मक सोच रखते हो एवं अपनों का फायदा न देखते हुए समाज की सेवा का ख़याल करे यही रचनात्मक सोच है एवं विकास समिति का मूलभूत कार्य है :उदहारण के तोर पर किसी व्यक्ति की शादी है एवं स शादी में जब तक मेहमान नहीं होंगे तब तक वह शादी संपन्न नहीं होगी इसी प्रकार व्यक्तिगत मुद्दों के बाते में सोचे वाले लोग इस दिशा में एवं विकास समिति के साथ जुड़कर कार्य नहीं कर सकते |विकास समिति बन्ने के पश्चात हमारे द्वारा निम्न कार्य करवाए गए :

  1. 47 लाख रूपए 3 किलोमीटर सड़क निर्माण
  2. 4 लाख 50 हजार रूपए की स्ट्रीट लाइट्स
  3. 1,500 मीटर गली मोहल्ले में सड़क बनवायी 
  4. प्रशासनिक अधिकारियों एवं एवं विकास समिति के निरंतर संघठित होकर कार्य करने से कुछ सामय पूर्व ही 3 लाख रूपए की पाइप लाइन वार्ड मैं डाली गयी
  5. हमारी एरिया में जब कभी की व्याक्ति की मृत्यु हो जाती थी तो महिलायें हेडपम्प के पास खुले मैं कपडा लगाकर स्नान करती थी ये हमारे लिये शर्म की बात थी फिर हमने सोचा की एक सामुदायिक भवन होना चाहिए जिसमे स्नानघर की वयवस्था भी हो | इसके लिये जमीन की आवश्यकता थी तो हम लोगो ने चंदा करके 3 लाख रूपए से जमीन खरीदी एवं प्रशासन से इस जमीन पर सामुदायिक भवन बनाने की मांग रखी | इसी प्रकार हम निरंतर प्रयास करते रहे एवं आज सामुदायिक भवन तैयार है |

यह कार्य न केवल कॉलोनी मे हुआ बल्कि बस्तियों मे भी हुआ इन कामो के पश्चात लोगो का सपोर्ट मिलने लगा एवं बाकी सम्स्यऔ के लिये भी प्रयास जारी है |शासन के साथ नियमित रूप से मिलना, जुदा रहना पड़ता है तभी जाके काम होते है | अब हम कह सकते है की हमारे एरिया एवं विकास समिति एवं पूरा वार्ड विकास की और अग्रसर है

वार्षिक मीटिग में वार्ड की सभी बस्तियों की समस्यों पर बातचीत की जाती है एवं उन समस्याओं के निवाराण हेतु क्या कार्य किये जा सकते है उस पर विस्तर्त रूप से चर्चा की जाती है |

विश्वास त्रिवेदी :- सेम्पल सर्वे जो हुआ था उसमे आर.डब्लू.ए का क्या योगदान है ?

कीर्ति टांक :- सेम्पल सर्वे के डाटा की हमने पुरे वार्ड के अलग-अलग आर.डब्लू.ए के मेम्बेर्स से शेयरिंग की एवं जो समस्याएं निकम कर आई उस पर बातचीत की एवं मुख्य समस्याओं के निवारण के लिये आगे के लिये संभावित आगामी कार्य योजनाओं पर बातचीत की एवं वार्ड के बारे में सोचते हुए कार्य कर रहे है |

सिख:-

 दिनांक :- 22/8/2018       

स्थान: विवेकानंद बस्ती

विवेकानंद बस्ती मे पहुचने पर सर्वप्रथम बस्ती विकास समिति के द्वारा उनका स्वागत कर परिचय किया गया तत्पश्चात सभी झांसी एवं मुजफ्फरपुर के सदस्यों ने समिति के सदस्यों से बस्ती की समस्याओ पर बातचीत की और यह जाना की आप अपनी समस्यों को हल केसे करते हे |

इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए बस्ती विकास समिति के सदस्यों ने बताया की हमारी बस्ती कई साल पुरानी हे और यह बस्ती शहर के कच्ची बस्तियों में गिनी जाती हे | शुरू से यहाँ कई समस्याएं रही हे पानी, रोड, नालियों, व साफ़-सफाई की पर जब से हमारे बस्ती विकास संघठन बना है तब से धीरे-धीरे ये समस्याए कम तो हुई हे लेकिन इनका स्थाई निवारण के लिये हमे प्रयास करते रहना है जब से हमारे बस्ती विकास संघठन बना है तब हममे यह समझ बनी की हम अपनी बस्ती की समस्याओं पर कैसे कार्य कर सकते है | इस संवाद में वार्ड की पार्षद महोदया  उर्मिला नायक भी मोजूद थी जिनसे मिलकर झांसी और मुजफ्फरपुर से आये लोगो ने काफी बातचीत की एवं उनके इस वार्ड में पार्षद बनने से पहले क्या-क्या समस्याएं थी एवं पार्षद बनने के पश्चात उन्होंने उन समस्याओं पर किस प्रकार से कार्य किया एवं उन समस्याओ के निवारण होने के पश्चात बस्ती वासियों के व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन आया उन सभी बातो पर चर्चा की एवं वर्तमान समय में कौन कौन सी समस्याएं चल रही है एवं आने वाले समय में वे इन समस्याओं पर किस प्रकार से कार्य करने वाली है उन सब बातो पर विस्तार में चर्चा की | इस पर पार्षद महोदय ने कहा की यहाँ कचरा उठने की समस्या थी रोड/नालियों/ लोगो के मूलभुत प्रमाणों का पूरा न होना पानी केघरेलू कनेक्शान न होना आदि समस्याए थी तो काफी मिले जुले प्रयासों से आज वार्ड की कई बस्तियों मैं पानी/ रोड नालेयो आदि का निर्माण हो गया है व् आगे वार्ड मैं सिव्रेज डलवाने पे कार्य किया जा रहा है | इस संवाद के बाद उन लोगो ने कुछ बस्ती वासियों के साथ मिलकर बस्ती में भ्रमणं करते हुए पानी की समस्या, गलियों में जाने वाले रास्ते एवं नालियों का निरिक्षण किया बस्ती वासियों ने पानी की अहम् समस्या बताई एवं पानी के आने का प्रेशर कम बताया जिसपर वार्ड पार्षद महोदया ने कहा की पानी की समस्या के निवारण हेतु प्रयास जारी है एवं जल्दी ही समस्या से निजात पा लिया जायेगा |

ततपश्चात् फ़कीरा खेडा बस्ती में ब्रह्मण हेतु वहा बस्ती विकास समिति के सदस्यों से मिलवाया और  उन्होंने काफी उत्साहित होकर झांसी एवं मुजफ्फरपुर से आये सभी सदस्यों का स्वागत किया उसके बाद झांसी एवं मुजफ्फपुर के सभी सदस्यों ने अपना अपना परिचय देते हुए वे अपनी बस्तियों में किस प्रकार से कार्य कर रहे है उस बारे में जानकारी दी एवं उनकी बस्ती में निम्न लिखित समस्याएँ पर प्रकाश डाला :

इन सभी बातचीत के दौरान पार्षद महोदय मोहन लालवानी जी का आना हुआ एवं सभी बस्ती वासियों द्वारा मालारोपण करके उनका स्वागत किया गया | एवं इस स्वागत के लिए उन्होंने समस्त बस्ती वासियों एवं झांसी एवं मुजफ्फपुर से आये सभी सदस्यों का भी स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया | यहाँ पर पार्षद ने कराय गए कार्यो का विवरण देते हुए आगामी प्रस्तावों को भी साझा किया गया|

दिनांक :- 23/8/2018

आज की मीटिंग के मुख्य अतिथि डी.एल.त्रिपाठी (अजमेर सिटिजन काउंसिल) के जनरल सेक्रेटरी थे | मीटिंग के प्रारंभ में परिचय सत्र चला जिसमे सभी ने अपना अपना परिचय देते हुए अपने अपने-अपने शहर में किन किन समस्याओ पर कार्य चल रहा है एवं उस शहर की बस्तियों में विकास समितिया किस प्रकार से कार्य कर रही है उस पर चर्चा की गयी |

डी.एल.त्रिपाठी जी ने संघठन के मजबूती के आयामों को साथ ही उसकी मजबूती के लिये अपेक्षित कार्यो को विस्तार से समझाते हुए कहा प्रिया संस्था द्वारा आम आदमी के लिए उसके विकास के लिए सोचना बोहोत बड़ी बात है की आप सभी लोगो द्वारा बस्तियों में विकास समितियां बनाकर बस्तीवासियों को इतना सक्षम बनाया जा रहा है की वह अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आवाज़ उठा सके एवं अपनी समस्याओं के निवारण हेतु निडर होकर कार्य कर सके | इसी के साथ एक संगठन को मजबूत बनाने हेतु उन्होंने अपने प्रशाशन के साथ विकास कार्यो को करवाने हेतु अपने कुछ अनुभव साथियो के साथ साझा किये की एक संगठन सुचारू रूप से तभी कार्य कर सकता है जब उसकी कार्य प्रणाली एवं उसका ढांचा मजबूत हो तभी वे स्वतन्त्र रूप से कार्य कर सकता है एवं संगठन का ढांचा तभी मजबूत हो सकता है जब उसमे निरंतर रूप से बैठके हो एवं उन बैठकों में निरंतर रूप से समस्याओ पर बातचीत हो एवं बस्ती का हर नागरिक उन बैठकों में भाग ले सके | संगठन का मुख्य कार्य सूचनाओं का, सरकारी योजनाओं का आदान-प्रदान करना है एवं इन निरंतर बैठकों के माध्यम से ही एक आम आदमी को एक सुनहरा अवसर मिलता है अपनी दिल की बात रखने का एवं अपनी बस्ती की समस्याओं पर बोलने का |

 संगठन के निरंतर प्रयासों से प्रशाशन द्वारा बहुत सारे विकास कार्य करवाए गए है जैसे :-

  1. अजमेर पाथ वे का निर्माण
  2. अजमेर में आना सागर के बीचो बिच भव्य टापू का निर्माण
  3. अजमेर अजंता पुलिया से लेकर आगरा गेट तक 3 किलोमीटर लम्बी एलिवेटेड सड़क का निर्माण जल्दी ही करवाया जायेगा |

इसी प्रकार के और भी अन्य कार्य करवाए गए है जिनमे प्रशाशन के साथ साथ हमारे इस संगठन की बोहोत बड़ी भागीदारी रही है |

होटल की कांफ्रेंस मीटिंग ख़तम होने के पश्चात हम सभी फ़ोयसागर गार्डन गए वहां पहुँचकर राहुल राठी (संयोजक-आई.सी.एल.इ.आई संस्था) जी हमसे जुड़े व् बातचीत प्रारंभ की उस बातचीत में ठोस कचरा प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला एवं झांसी एवं मुजफ्फरपुर के साथियो से इस 3 दिवसीय शेक्षणिक भ्रमण में उन्होंने अजमेर में क्या क्या देखा एवं यहाँ के समुदाय से क्या सिखा उस पर चर्चा की | जिस पे मायादेवी जी ने साझा किया की अजमेर मैं बोहत सफाई यहाँ तक की यहाँ के सफाई कर्मचारी रोड के डीवाईडर के आस पास भी झाड़ू लगते हुए देखाई दिये जो की सराहनीय है| इस्सी चर्चा मैं अन्य साथियों ने कहा की यहाँ पे जनप्रतिनिधि का इस तरह लोगो के बीच आ कर बैठकर उनसे सम्स्यऔ पर बात करना भी सराहनीय है व् लोगो का अपनी समस्या को खुल के बताना , कॉलोनी की विकास समिति का बस्ती विकास समिति से जुडाव व् उनके लिये सोचना ही बोहत अच्छा है कुछ कमिया हर जगह होती है जिसे धीरे - धीरे  ही सुलझाया जा सकता है | इस बातचीत के बाद सभी ने मिलकर पार्टीसिपेटरी लंच किया जिसमे सभी ने राजस्थान के मुख्य खाने (दाल, बाटी, चूरमा एवं कड़ी) का लुत्फ़ उठाया |