Date
18-Aug-2018 to 20-Aug-2018
Location
Jhansi
Format
Local
महान हिन्दी साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन ने देश-विदेश में भ्रमण से प्राप्त अनुभवों के आधार पर एक लेख लिखा जिसका नाम अथातो घुमक्कड़ जिज्ञासा था जिसमें उन्होनें यह साबित किया कि यदि समाज में धुमकर लोगों से मिलजुलकर अनुभव प्राप्त किया जाय तो वह ज्ञान व अनुभव स्थायी होता है जो कि किताबी ज्ञान से प्राप्त करना कठिन है और यह हमें अनेक संस्कृतियों का बोध कराता है । इस विचार व भाव के साथ प्रिया संस्था द्वारा बस्ती विकास समिति के सदस्यों के शैक्षणिक भ्रमण की योजना बनाई गई जिससे कि अनौपचारिक बस्तीयों के लोग आपस में मिलकर अनुभव आधारित सीख को बढ़ावा दे सकें।  



यूरोपियन यूनियन सहायित सक्रिय नागरिक क्रियाशील परियोजना के तहत 03 शहरों अजमेर,झांसी,मुज्जफरपुर में शहरी गरीबों की शहर के विकास में भागीदारी को लेकर विगत 02 वर्षों से पहल किया जा रहा है। इन तीनों शहरों में बस्ती आधारित बस्ती विकास समिति एंव फोरम का गठन किया गया है जिसमें बस्ती के ही महिला पुरूष सदस्य के तौर पर शामिल हैं और वे आपस में मिलकर अपने क्ष्ेत्र में सामाजिक विकास के लिए प्रयास करते रहें हैं। समिति के सदस्यों में से 12 सदस्यीय दल झांसी में शैक्षणिक भ्रमण करके यंहा पर 18 से 20 अगस्त तक विभिन्न हितभागीयों से मिला तथा शहर में किये जा रहे प्रयासों तथा अपने अनुभवों को साझा करके शहर के विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों पर अनुभव आधारित वार्ता चर्चा करते हुए अनुभवों से एक दुसरे की सीख को बढ़ाने में सहायक हुआ। प्रथम दिवस में सदस्यों ने बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के समाजकार्य विभाग के प्रवक्ता एंव विद्यार्थियों से अनुभव साझा किये जंहा यह बात हुयी कि कि विकास का अर्थ किसी के लिए कुछ मदद कर देना नहीं है आखिर कब तक किसी की मदद की जायेगी इसलिए समाजकार्य में वैज्ञानिक तौर पर विकास के 04 आधार को महत्व प्रदान किया जाता है जो निम्न हैं स्वावलम्बन, सहयोग,समन्वय,व सहकार्य इन्हीं बिन्दुओं के आधार पर समुदाय में प्रेरणा प्रदान किया जाय तो स्थायी विकास सम्भव है, सदस्यों द्वारा झांसी के 04 अनौपचारिक बस्तियो में भ्रमण व बैठक करके समिति सदस्यों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया अनुभवों में स्वच्छता के प्रयासों के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के प्रगति एंव चुनातियों पर चर्चा भी किया गया। इस कड़ी में कूड़ा प्रबन्धन के लिए स्थापित प्लान्ट में जाकर कूड़ा संग्रहण,वर्गीकरण एंव खाद बनाने की प्रक्रिया को भी देखा। नगर की समर्पण सेवा समिति द्वारा स्वेच्छा से किये जा रहे बस्ती के प्रयासों पर चर्चा किया । ब्यापार मण्डल झांसी के पदाधिकारियों से भेंट करके ब्यवसायियों के प्रयासों प्लास्टिक मुक्त शहर एंव स्मार्ट सिटि की कल्पना पर भी चर्चा किया। इस भ्रमण के दौरान झांसी शहर के रानी लक्ष्मी बाई किले एंव ओरक्षा जैसे पर्यटक स्थल को भी देखकर अपनी सांस्कृतिक धरोहरों व संस्कृति से सम्बन्धित जानकारी को इकठ्ा किया। समिति के सदस्यों ने झांसी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नारी शक्ति एंव नेतृत्व की सराहना किया। यह भ्रमण अनुभव आधारित सीख को बढ़ाने के लिए एक अच्छे उदाहरण के तौर पर देखा जायेगा।
सुधीर-झांसी