Date
18-Jul-2016 to 18-Jul-2016
Location
Gram Panchayat Tendua
Format
Local

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत किये गये विभिन्न प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों में शौचालय निर्माण एवं उसके उपयोग के प्रति व्यापक बदलाव आया है। विगत् वर्षाें में रायपुर क्षेत्र में व्यक्तिगत परिवारिक शौचालयों के संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिससे बहुत से परिवारों ने खुले में शौच की प्रथा को छोडकर शौचालयों का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया है।

इन उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ चुनौतियां भी देखने को मिल रही है, जैसे अधिकतर परिवार जलबंध शौचालयों की अपेक्षा सेप्टिक टैंक पद्धति से शौचालय का निर्माण कर रहे है जो की उक्त परिवारों के लिए अधिक महंगा और भविष्य में ग्रामीण पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। दूसरी ओर मिशन के अंतर्गत बने जलबंध शौचालयों के निर्माण में लगातार त्रुटिया देखने को मिली है। जिसके कारण यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नवनिर्मित शौचालय भी लम्बे समय तक परिवारों के उपयोग के लायक नही रह जायेंगे। यदि समय रहते शौचालय के तकनीकी प्रावधनों तथा जलबंध शौचालय की उपयोगिता के विषय में ग्रामीण समुदाय की सोच में बदलाव नही लाया गया तो संभव है कि पूर्व में चलाई गई योजनाओं के समान, स्वच्छ भारत मिशन भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नही कर पायेगी।

इन्ही तथ्यों को आधार बनाते हुय प्रिया द्वारा वाॅटर एड एवं जनपद पंचायत धरसींवा के साथ एक व्यापक मुहीम चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत अग्रिम स्तरीय कार्यकर्ताओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों को जलबंध शौचालय के संबंध में जानकारी दी जाती है। दिनांक 18 जुलाई 2016 को धरसींवा क्षेत्र के 8 पंचायतों के सचिव एवं राजमिस्त्री का जलबंध शौचालय के तकनीकी प्रावधानों, उपयोगिता तथा शौचालय निर्माण के दौरान गुणवत्तपूर्ण निगरानी हेतु उन्मुखीकरण किया गया। इस कार्यशाला में 22 प्रतिभागी (6 महिला, 16 पुरूष) शामिल हुए।

प्रिया के क्षेत्रीय विषय विशेषज्ञों द्वारा सीखने सिखाने की सहभागी पद्धति का उपयोग करते हुए जलबंध शौचालयों के निर्माण की पद्धति, विभिन्न प्रकार के मृदा स्तरों पर किये जाने वाले तकनीकी उपाय, जलबंध शौचालयों के रख-रखाव आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। सत्र के दूसरे चरण में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों पर भी गहन चर्चा कर व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत किये गए, जैसे: जलबंध सेप्टिक टैंक के बेहतर क्यों? पानी की खपत और उसकी मात्रा?, जलबंध शौचालयों के भराव पर भ्रांतिया, इत्यादि। कार्यक्रम के अंत में धरसींवा जनपद - स्वच्छ भारत मिशन की समन्वयक श्रीमती नीरा साहू तथा श्रीमती ममता साहू, सरपंच - तेन्दुआ ग्राम पंचायत ने बताया की इस तरह के प्रशिक्षण, शौचालय की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ समुदाय के व्यवहारिक बदलाव को सतत् बनाने हेतु महत्वपूर्ण योगदान कर रहे है।